- Tollywood’s Queen Seerat Kapoor All Set to Bring Timeless Elegance At The Runway As Showstopper For Hyderabad Times Fashion Week
- कार्तिक आर्यन के साथ दिखी मिस्ट्री गर्ल- क्या ये है नए प्यार की शुरुआत?
- Kartik Aaryan Spotted with Mysterious Girl—Is It Love?
- Global star Ram Charan starrer Game Changer's 3rd single 'Janaa Hairaan Sa' wins audience's hearts! Thaman-backed musical is the melody of the year!
- राहुल देव ये साबित करते हैं उम्र बढ़ने काे उलटना वास्तविक है
रोजगारमूलक शिक्षा देने का सपना पूरा हुआ: मुख्यमंत्री
इंदौर. रोजगारमूलक शिक्षा समय की सबसे बड़ी जरूरत है। रोजगारमूलक शिक्षा के विस्तार के लिये राज्य शासन द्वारा निरन्तर कारगर प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य शासन का संकल्प है कि मध्यप्रदेश में अधिक से अधिक कुशल मानव संसाधन उपलब्ध हों, जिससे कि औद्योगिक विकास को नई दिशा मिल सके। उद्योगों की आवश्यकताओं का आंकलन कर मध्यप्रदेश में युवाओं को रोजगारमूलक शिक्षा दी जा रही है। इसके लिये आईआईटी का उन्नयन किया जा रहा है. सिंबॉयसिस यूनिवर्सिटी के उद्घाटन के साथ प्रदेश के बच्चों को रोजगारमूलक शिक्षा देने का जो सपना देखा था वह पूरा होने जा रहा है.
यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कही. मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहाँ सुपर कॉरिडोर स्थित सिंबॉयसिस यूनिवर्सिटी ऑफ अप्लाईड साइंसेस के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे. इस अवसर पर महापौर श्रीमती मालिनी गौड़, इन्दौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष शंकर लालवानी, विधायकगण सर्वश्री मनोज पटेल, सुदर्शन गुप्ता, रमेश मेंदोला तथा महेन्द्र हार्डिया और सुश्री उषा ठाकुर, सिंबॉयसिस यूनिवर्सिटी के चान्सलर डॉ. एस.बी. मजूमदार, प्रो चान्सलर डॉ. स्वाति मजूमदार विशेष रूप से मौजूद थे. समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में बिजली, सड़क, पानी, कृषि विकास तथा शिक्षा के विस्तार के लिये प्राथमिकता के साथ तेजी से काम किये गये हैं। इन क्षेत्रों में आधारभूत संरचनाओं के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। प्रदेश में डेढ़ लाख किलोमीटर की नई सड़क बनाई गई है। नागरिकों को 24&7 बिजली देने की व्यवस्था की गई है।
प्रदेश के बच्चों को नहीं जाना पड़ेगा बाहर
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के विस्तार पर विशेष ध्यान दिया गया। इसके फलस्वरूप प्रदेश में अनेक बड़ी शैक्षणिक संस्थाएँ शुरू हुई हैं। इनमें प्रमुख रूप से सिंबॉयसिस, इन्फोसिस, नरसीमुंजी, टीसीएस आदि शामिल है। शिक्षा के क्षेत्र में अपेक्षा के अनुरूप बेहतर निवेश हुआ है। अब हमारे प्रदेश के विद्यार्थियों को उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के लिये प्रदेश के बाहर नहीं जाना पड़ रहा है। मध्यप्रदेश में रोजगारमूलक शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि प्रदेश में ऐसे कुशल विद्यार्थी तैयार हों, जिन्हें शिक्षा प्राप्त करते ही रोजगार प्राप्त हो सके। इसके लिये औद्योगिक इकाईयों से भी निरन्तर सम्पर्क किया जा रहा है, और उनकी आवश्यकता का आंकलन कर शिक्षा व्यवस्था की जा रही है। आईआईटी का उन्नयन भी किया जा रहा है। प्रदेश में ग्लोबल स्कील पार्क बनाया जा रहा है।
मित्रवत नीति से नहीं आई परेशानी
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये सिंबॉयसिस यूनिवर्सिटी ऑफ अप्लाईड साइंसेस के चांसलर डॉ. एस.बी. मजूमदार ने कहा कि मध्यप्रदेश में उन्हें शैक्षणिक संस्था की स्थापना के लिये राज्य शासन विशेषकर मुख्यमंत्री श्री चौहान का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ है। प्रदेश शासन की मित्रवत नीति के कारण निवेश करने में किसी भी तरह की परेशानी नहीं हुई। शैक्षणिक संस्था की स्थापना के लिये आवश्यकता के अनुरूप पर्याप्त जमीन और सुविधाएँ राज्य शासन द्वारा मुहैया कराई गई। शासन के साथ ही विभिन्न विभागों के अधिकारियों का भी सहयोग प्राप्त हुआ।
पुणे से भी बड़ा कैंपस: स्वाति मजूमदार
सिंबॉयसिस यूनिवर्सिटी ऑफ अप्लाईड साइंसेस की प्रो-चांसलर डॉ. स्वाति मजूमदार ने कहा कि चार वर्ष पूर्व ही इस संस्थान के लिये भूमिपूजन किया गया था। कम समय में ही भवन बनकर तैयार होना और यूनिवर्सिटी चालू होना हम सबके लिये गौरव का विषय है। यह पूणे की यूनिवर्सिटी से भी बड़ा कैंपस है. यहां वहां की अपेक्षा ज्यादा निवेश हुआ है. डॉ. मजूमदार ने कहा कि सिंबॉयसिस यूनिवर्सिटी को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप रोजगारमूलक शिक्षा केन्द्रित किया गया है। कार्यक्रम के अन्त में यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. कैलाश श्रीवास्तव ने आभार माना।
इस अवसर पर यूनिवर्सिटी ने इसी साल से 15 नए सर्टिफिकेट कोर्सेस के साथ एमबीए एक्जीक्युटिव का कोर्स भी शुरू करने की घोषणा की.